Pitra Dosh Puja in Trimbakeshwar | Pandit Bhupendra Guruji

Pitra Dosh Puja Cost, Muhurat and Dates

by Pandit Bhupendra Guruji    |  2024-12-05

PANDIT BHUPENDRA GURUJI

At Trimbakeshwar Temple, we have been dedicated to performing authentic Vedic Pujas for more than 21+ years to help you overcome challenges and achieve peace, happiness, and prosperity. Trust our expertise for a seamless and spiritual experience. Call us today to Book Your Desired Puja and embrace divine blessings and shanti.


पितृ दोष पूजा क्या है?

    पितृ दोष पूजा (Pitra Dosh Puja) एक विशेष वैदिक योग है जो कुंडली में पितृ दोष को शांत करने के लिए किया जाता है। पितृ दोष (Pitra Dosh) तब बनता है जब पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट या अपूर्ण कार्यों के कारण अशांत होती है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में बाधाएं, वित्तीय कठिनाइयां, और मानसिक तनाव पैदा कर सकता है। पितृ दोष निवारण पूजा (Pitra Dosh Nivaran Puja) के माध्यम से इन दोषों को दूर किया जाता है, जिससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। त्र्यंबकेश्वर जैसे पवित्र स्थान पर यह पूजा करना विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है, जहां कुशल पंडित पूरी विधि और वैदिक मंत्रों के साथ इसे संपन्न करते हैं।

    पितृ दोष पूजा की मुहुर्त क्या है?

      पितृ दोष पूजा (pitra dosh puja) की लागत मुख्य रूप से पूजा के स्थान, सामग्री, और पूजा विधि के आधार पर निर्धारित होती है। त्र्यंबकेश्वर, उज्जैन, गया, और हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों पर इस पूजा का आयोजन अधिक प्रभावशाली माना जाता है। आमतौर पर, पितृ दोष पूजा की औसत लागत ₹4500 से ₹6000 तक होती है, लेकिन विशेष अनुष्ठान, जैसे तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध कर्म के लिए यह लागत बढ़ सकती है।

    Pitra Dosh Puja Dates 2024

      पूजा की तारीखें (pitra dosh puja dates) पितृ पक्ष, अमावस्या, पूर्णिमा, और राहु-केतु से जुड़े शुभ मुहूर्त पर तय की जाती हैं। इन तिथियों पर पूजा करने से दोष की तीव्रता कम होती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। किसी भी पितृ दोष पूजा के लिए सही तिथि और मुहूर्त की जानकारी के लिए ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए। इस पूजा को समय पर कराने से न केवल पितृ दोष का प्रभाव समाप्त होता है बल्कि पारिवारिक समृद्धि और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।

      January 2024 3, 6, 7, 11, 15, 17, 20, 24, 28

      February 2024 4, 11, 13, 16, 20, 24, 27

      March 2024 1, 6, 10, 11, 12, 15, 18, 22, 25, 28

      April 2024 2, 7, 11, 14, 18, 22, 26, 29

      May 2024 3, 6, 9, 12, 16, 19, 22, 26, 27, 30, 31

      June 2024 2, 5, 8, 12, 18, 22, 23, 27

      July 2024 5, 9, 12, 15, 19, 24, 26, 30

      August 2024 2, 6, 9, 13, 16, 20, 22, 23, 26, 30

      September 2024 2, 5, 15, 17, 19

      October 2024 14, 16, 20, 23, 26, 29

      November 2024 6, 9, 23, 26, 29

      December 2024 4, 8, 9, 11, 14, 17, 20, 23, 26, 30

    पितृ दोष की पूजा कहाँ करनी चाहिए?

      पितृ दोष की पूजा ज्यादातर धार्मिक स्थलों जैसे त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र), गया (बिहार), उज्जैन (मध्य प्रदेश), और हरिद्वार (उत्तराखंड) में की जाती है। यह पूजा उन आत्माओं की शांति के लिए होती है जो पितरों के रूप में अनंत काल तक शांति नहीं पा सकीं। विशेष पंडित द्वारा पितृ दोष पूजा और श्राद्ध कर्म इन स्थानों पर आयोजित किया जाता है, जिससे कुंडली में पितृ दोष का प्रभाव कम किया जा सके।

    पितृ दोष पूजा का महत्व और प्रक्रिया

    • पितृ दोष पूजा (pitra dosh nivaran puja) कुंडली में दोष के कारण होने वाली परेशानियों को दूर करने का एक आध्यात्मिक उपाय है। पितरों की आत्मा को शांति दिलाने के लिए त्र्यंबकेश्वर और गया जैसे स्थानों को सर्वोत्तम माना जाता है। त्र्यंबकेश्वर में कुंड के पास किए गए श्राद्ध कर्म और तर्पण से पितृ दोष कम होता है। गया में फल्गु नदी के किनारे पिंडदान करने की परंपरा है, जो विशेष रूप से प्रभावशाली मानी जाती है। यह पूजा राहु और केतु से जुड़े दोषों को समाप्त करने और पारिवारिक सुख-शांति को बढ़ाने में सहायक होती है। इन स्थानों पर पितृ दोष पूजा कराने से पूर्व, किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें ताकि आपकी कुंडली के अनुसार उपयुक्त विधि और समय चुना जा सके। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने का माध्यम बनती है।

    Puja Images

Bootstrap demo